Site icon Sannata News

Republic Day 2024: दुनिया के अंतिम छोर मे फहराया गया भारत का तिरंगा, क्या आप जानते हैं गणतंत्र दिवस के लिए इस दिन को ही क्यों चुना गया

Republic Day 2024: दुनिया के अंतिम छोर मे फहराया गया भारत का तिरंगा, क्या आप जानते हैं गणतंत्र दिवस के लिए इस दिन को ही क्यों चुना गया

Republic Day क्यो मनाया जाता है: डॉ भीमराव आंबेडकर जी के नेतृत्व में भारत की संविधान सभा ने परिश्रमपूर्वक भारत के संविधान को तैयार किया। और 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को लागू किया गया था। इस संविधान ने भारतीय गणराज्य के जन्म की शुरुआत की। भारत ने आज अपना 75वाँ गणतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मनाया। गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय संविधान का सम्मान करना और हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देना है। जिन सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनी जान गंवाई है।

दुनिया के अंतिम छोर मे फहराया गया भारत का तिरंगा

पूरे देश मे गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया है वहीं दूसरी तरफ भारतीय नेवी के हाइड्रोग्राफिक डिपार्टमेंट ने अंटार्टिक में फहराया गणतंत्र दिवस का झंडा। आज अंटार्कटिका में आईएनएचडी टीम भारतीय नौसेना द्वारा अंटार्टिका मे ध्वज और भारतीय नौसेना ध्वज को फहराया गया भारतीय अभियान पहली बार 9 जनवरी 1982 को इस बर्फीले अंटार्कटिका महाद्वीप पर उतरा था। इस टीम मे कुल 21 सदस्य थे। जिसका नेतृत्व डॉक्टर एस जेड कासिम ने किया था। भारतीय नौसेना ने भी आईएनएचडी टीम के सदस्यों की अंटार्कटिका में गणतंत्र दिवस मनाते हुए तस्वीरें ट्वीट कीं।

बता दें कि आईएनएचडी की हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण टीम, जिसमें लेफ्टिनेंट कमांडर ऋषभ रावत (प्रभारी अधिकारी) और मंजीत पीओ (एचवाई) शामिल थे, 17 जनवरी को लार्समैन हिल्स से हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के लिए भारतीय अंटार्कटिका स्टेशन भारती पहुंचे। यह मिशन अंटार्कटिका (ISEA) के लिए 43 भारतीय वैज्ञानिक अभियान का हिस्सा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस साल गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे।

गणतंत्र दिवस के लिए 26 जनवरी की तारीख क्यो चुनी गई

26 जनवरी वो तारीख है जब हमारे भारत मे लोकतंत्र ने पहली बार जन्म लिया। जिसने इससे पहले न जाने कितने बलिदान और कुर्बनिया देखीं। इस दिन ही हमारा वो संविधान तैयार किया गया जिसकी शपथ लेकर देश की अदालतों मे फैसला किया जाता है।

आज से 75 साल पहले 26 जनवरी 1950 को इसे गणतंत्र दिवस के रूप मे चुना गया। तब से लेकर आज तक 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाते हैं। हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस को खूब हर्षोल्लाश के साथ मनाया गया है। तो क्या आपको पता है की 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यो मनाया जाता है। आइये जानते हैं, भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाता है लेकिन इसकी वजह संविधान के अलावा भी कुछ है।

15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजो से आजादी मिलने के बाद, हमारा देश एक अधिकारिक संविधान के बिना था। इसीलिए 29 अगस्त 1947 को संविधान को तैयार करने के लिए एक समिति बनाई गई, जिसका नेतृत्व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने किया था। और इस समिति मे के.एम. मुंशी, मुहम्मद सादुल्लाह, अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर, गोपाला स्वामी अयंगार, एन. माधव राव, और टी.टी. कृष्णमाचारी जैसे बड़े दिग्गज लोग शामिल थे। फिर आया 4 नवंबर 1947 का एक महत्वपूर्ण दिन जब भारत के संविधान का मसौदा तैयार कर संविधान सभा के सामने पेश किया गया। अगले दो सालों मे संविधान सभा ने कई बैठकें की कई बदलाव किये।

और आखिर मे 24 जनवरी 1950 को इसे स्वीकार कर लिया गया। यह एक एतिहासिक क्षण था। जब 308 सदस्यों ने संविधान के दो प्रतियों पर हस्ताक्षर किए। एक हिंदी मे और एक अंग्रेजी मे। इस एक कदम ने भारत को स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित किया।

अब अंग्रेजों के औपनिवेशिक शासन कानून की जगह भारत का संविधान देश का मुख्य कानूनी दस्तावेज बन चुका था। लेकिन, संविधान सभा ने तय किया कि संविधान को लागू करने के लिए दो दिन और इंतजार किया जाएगा। अगले दो दिनों में ही 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लागू किया गया और भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया। इसलिए हम हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं और अपने संविधान का गौरव मनाते हैं।

यह भी पढ़े: Fighter Movie Box Office Collection Day 1: ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण की एक्टिंग ने जीता सभी का दिल

Exit mobile version