Iran Strike Pakistan: मंगलवार 16 जनवरी को पाकिस्तान पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक हो गयी। इस बार सर्जिकल स्ट्राइक करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका ही पडोसी मुल्क ईरान है। ये हमला पाकिस्तान के बलूचिस्तान के कोह-सब्ज इलाके में हुआ है। इस हमले में पाकिस्तान के अन्दर रहने वाले आतंकी ठिकानो को निशाना बनाया गया।
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इस हमले में दो बच्चो की मौत हो गयी और तीन अन्य लोग घायल हो गए, इस हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से ईरान को परिणाम भुगतने की कड़ी चेतावनी दी है।
कौन सी मिसाइल ईरान ने पाकिस्तान पर दागी
दावा किया जा रहा है की ईरान ने पाकिस्तान मे हमले के लिए मिसाइल और ड्रोन का इस्तेमाल किया। ईरान का दावा है की इस हमले मे कई दहशतगर्दी मारे गए हैं। जबकी पाकिस्तान ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा है की इसमें दो बच्चों जान गई है। दावा किया जा रहा है की ईरान ने यहाँ पर बेलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है।
दरअसल ईरान के पास अलग-अलग रेंज की दर्जनों बेलिस्टिक मिसाइलें हैं। ये बात कहीं से सामने नहीं आ पा रही है की ईरान ने कौन सी मिसाइल स्तेमाल की है। लेकिन जिस सटीकता का दावा किया जा रहा है वो छमता ईरान के तीन मिसाइलों मे है। ये मिसाइलें हैं 1. डेसफॉर् 2. एवाब 3. गद्र 110
ये तीनों ही मीडियम रेंज की बेलिस्टिक मिसाइल हैं। यानी 1000 से 2000 किलो मीटर के बीच तीनों को उनके सटीकता के लिए जाना जाता है। इसके अलावा ईरान ने साहिद 107 ड्रोन का इस्तेमाल किया है। इस ड्रोन की रेंज 1000 किलो मीटर है। इसका सबसे पहला प्रदर्शन 2019 मे किया गया था।
ईरान के विदेश मंत्रालय मे पाकिस्तान ने की शिकायत
पाकिस्तान ने कहा की ये पाकिस्तान की संप्रभुता का खुला उल्लंघन है, इसका जो भी परिणाम होगा उसका ईरान ही जिम्मेदार होगा। पाकिस्तान ने ये भी कहा की पाकिस्तान ने हमेशा ही ये कहा है की आतंकवाद के सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है, जिसके लिए साथ मिलकर कार्रवाई की जरूरत है। ये भी कहा की अच्छे पड़ोसी संबंधों के लिहाज से इस तरह के एकतरफा कदम सही नहीं हैं। और इसका असर आपसी भरोसे और विश्वास मे पड़ सकता है।
जैश अल-अद्ल कौन है जिस पर हमला हुआ
अमेरिका के डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के मुताबिक जैश अल-अद्ल नाम का समूह ईरान के बलूचिस्तान मे काम करने वाला सबसे सक्रिय और प्रभावी सुन्नी चरमपंती संगठन है। अब्दुल मालिक रेगी ने 2002 या 2003 मे इस संगठन को बनाया था और वो कई साल तक इसके नेता रहे। ये संगठन 2003 मे उस वक्त चर्चा मे आया जब इसने ईरान के सरकारी ठिकानो पर कई हमले किये और पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदी निजाद के हत्त्या की कोशिश की।
ईरान ने इस वजह से हमला किया
ईरान ने पहले भी कई बार पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। की वो जैश अल-अद्ल के खिलाफ कार्रवाई करे लेकिन पाकिस्तान नहीं माना फिर भी ईरान उसके सीमा पर घुसकर हमला करने से बच रहा था। लेकिन 16 जनवरी को उसने सीमा पार कर दी इस पर पाकिस्तान बोला की इस हमले मे दो बच्चों की मौत हुई है। और तीन लोग घायल हुए हैं। पाकिस्तान ने हमले की कड़ी निंदा की है। और कहा की हमारी संप्रभुता का उल्लाँघन है, और इसका जो परिणाम होगा उसका जिम्मेदार ईरान खुद होगा।
पाकिस्तान सरकार ने ईरान के राजदूत को भी तलब किया है। 15 जनवरी को ईरान ने इराक और सीरिया मे भी बमबारी की और कहा की मुसार के अड्डों और इस्लामिक स्टेट को निशाना बनाया गया।
इराक ने इस पर नाराजगी जताई और ईरान से अपना राजदूत वापस बुला लिया। सीरिया और इराक मे ईरान की बमबारी को अमेरिका और इजराइल के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। क्योकि अमेरिका और इजराइल कुछ समय से ईरान समर्थक गुटों पर हमला कर रहें है। तब ईरान ने बदला लेने की धमकी दी थी। अभी तक पाकिस्तान पर हमले की वजह पता नही चली है। जबकि ईरान काफी समय से पाकिस्तान पर जैश अल-अद्ल जैसे आतंकी गुटों को पालने का आरोप लगाता आ रहा है।